@सर्वाधिकार सुरक्षित

सर्वाधिकार सुरक्षित @इस ब्लॉग पर प्रकाशित हर रचना के अधिकार लेखक के पास सुरक्षित हैं |

बुधवार, 6 मार्च 2013

रुखसत होती जिंदगी



















रुखसत होती जिंदगी
रात की मानिन्द
और गहराती जा रही ....

मौत के साये
छू लेने को आमद
बिल्कुल वैसे
ज्यूँ एक घने जंगल में
अपनी ओर बुलाती
एक सुनसान निर्जन राह ...

सोच में हूँ – कि आखिर
जिंदगी और मौत के
इस सफर के बीच  
जाने कितने रतजगे बाकी हैं  ...!!


सु-मन 
www.hamarivani.com
CG Blog www.blogvarta.com blogavli
CG Blog iBlogger