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शनिवार, 24 नवंबर 2018

बेपर्दा रूहें





















जलते हैं ज़िस्म श्मशानों में धुआँ धुआँ 
रूहें सर-ए-राह जब बेपर्दा हो निकलती हैं !!


सु-मन 
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