बहुत उदास सी है
शाम आज
आसमान भी
खाली खाली
घर की ओर बढ़ते
उसके कदमों में
है कुछ भारीपन
यूँ तो अकसर
दबे पाँव ही आती है
ये उदासी
पर आज
न जाने क्यूँ
इसकी आहट में
है चुभन सी
जो उसकी रूह को
कचोटती हुई
भर रही है
उसकी नसों में
एक धीमा ज़हर
और वो
अजाने ही उसको
समेट रही
आँखों के प्याले में
पी रही
घूँट घूँट नमी
वो लड़की बहुत उदास है !!
सु-मन