अक्सर देखती रहती
सूर्य किरणों में उपजे
छोटे सुनहरी कणों को
हाथ बढ़ा पकड़ लेती
दबा कर बंद मुट्ठी में
ले आती अपने कमरे में
खोल कर मुट्ठी
बिखेर देती सुनहरापन
:
रात, पनीली आँखों में
चाँद को भरकर
ठीक इस तरह
रख देती कमरे में
शबनमी चाँदनी
खिड़की और दरवाजे को बंद कर
गुनगुनाती कोई मनचाहा गीत
वो लड़की पगली बेहिसाब है !!
सु-मन