कर्मों के फल का
उपासनाओं के तेज़ का
दुख के भोगों का
सुख की चाहों का
मन के विश्वास का
ईश्वर की आराधना का
अपनों के साथ का
रिश्तों के जुड़ाव का
निश्छल प्रार्थनाओं का
होता ही होगा कोई मोल ..
*
*
शरीर की नश्वरता का
जन्म मरण के खेल का
विधि के विधान का
विपदा के निदान का
श्वास की गति का
जिंदगी की मोहलत का
नहीं होता है कोई तोल...
हे ईश्वर !
ये जीवन तेरे पूर्वाग्रह में समर्पित हो !!
सु-मन