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सोमवार, 13 मई 2019

हायकु



शरद रात 
चाँद बना ख़याल
किताब साथ !!


सु-मन

बुधवार, 1 मई 2019

बर्ग-ए-चिनार










चुरा लाई हूँ तुम्हें
तुम्हारे दरख़्त से
रख दिया है सहेज के
अपनी नज़्मों के पास
बहुत ख़्वाहिश थी
बिताऊँ चन्द लम्हें
तुम्हारे आगोश में
डल के किनारे बैठ
करूँ हर शाख से बातें
महसूस करूँ तुम्हारा वजूद
उतार लूँ तुमको मन के दर्पण में
ये सोच-
ले आई तुम्हें अपने साथ
कि मेरी हर नज़्म अब बर्ग-ए-चिनार होगी ।।


सु-मन
#कश्मीर डायरी