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सोमवार, 14 दिसंबर 2020

शब्द से ख़ामोशी तक – अनकहा मन का (१८)

 












मन ! 

छोटी सी दिखने वाली कुछ चीजों का भार कितना ज्यादा होता है शायद ही कोई जाने |
भौतिकता के मापदंडों पर कुछ अनुभव हमेशा अवर्णित रहते हैं !!

सु-मन