कुछ पल दोस्ती के नाम
यूं ही कभी
इन बन्द आखों में
आती है सामने
कुछ बीती यादें
कुछ जीये हुए पल;
वो हंसना वो रोना
उठकर रातों को
बातें सुनाना
याद है आता
अब इन दिनों में
जीकर जो गुजर गया
बीते हुए दिनों में;
हर पल दिल में
कसक सी उठती है
काश होते पास वो
जिनसे अब दूरी है;
हर घड़ी मन में
ख़याल ये आता है
गर होता है बिछड़ना
खुदा क्यों मिलाता है;
हर पल उनकी यादों में
अब हम तड़पते हैं
पर शायद सभी मिलकर
यूं ही बिछड़ते हैं...............!!
सु..मन
यूं ही कभी
इन बन्द आखों में
आती है सामने
कुछ बीती यादें
कुछ जीये हुए पल;
वो हंसना वो रोना
उठकर रातों को
बातें सुनाना
याद है आता
अब इन दिनों में
जीकर जो गुजर गया
बीते हुए दिनों में;
हर पल दिल में
कसक सी उठती है
काश होते पास वो
जिनसे अब दूरी है;
हर घड़ी मन में
ख़याल ये आता है
गर होता है बिछड़ना
खुदा क्यों मिलाता है;
हर पल उनकी यादों में
अब हम तड़पते हैं
पर शायद सभी मिलकर
यूं ही बिछड़ते हैं...............!!
सु..मन