कुछ क़तरे हैं ये जिन्दगी के.....जो जाने अनजाने.....बरबस ही टपकते रहते हैं.....मेरे मन के आँगन में......
क्या बात है!...बहुत ही सुन्दर कल्पना!
ati sundar rachnacongratsdeepak
यादें अक्सर इसी तरह से आती है.....कभी दस्तक देकर तो कभी दबे पांव....हम खुद को अचानक एक दूसरे जहाँ में खडा पाते हैं.....वो जहाँ जो कभी हकीकत हुआ करता था...बहुत सुन्दर पंक्तियाँ लिखी सुमन आप ने....बहुत सुन्दर
वाह ...अनुपम भाव संयोजन लिए हुए बेहतरीन प्रस्तुति।
ये लफ़्ज़ जब उतरेंगे मन में, तो एक खाब सच होगा .. और आएगी नींद भींगी भींगी सी।
kya bat hain sundar khyal .....
बहुत अच्छी भावाव्यक्ति , बधाई
बहुत खूब.... सुंदर पंक्तियाँ
लाज़वाब अहसास...
सुन्दर...
बहुत सुंदर एहसास
बहुत सुंदर एहसास छलकाती पंक्तियाँ......
उन स्मृतियों और उनसे जुड़े शब्दों को यथासंभब सहेज कर रखा जाये।
वाह भीने भीने अहसासों से सराबोर रचना
क्या बात है!...बहुत ही सुन्दर कल्पना!
जवाब देंहटाएंati sundar rachna
जवाब देंहटाएंcongrats
deepak
यादें अक्सर इसी तरह से आती है.....कभी दस्तक देकर तो कभी दबे पांव....हम खुद को अचानक एक दूसरे जहाँ में खडा पाते हैं.....वो जहाँ जो कभी हकीकत हुआ करता था...बहुत सुन्दर पंक्तियाँ लिखी सुमन आप ने....बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंवाह ...अनुपम भाव संयोजन लिए हुए बेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंये लफ़्ज़ जब उतरेंगे मन में, तो एक खाब सच होगा .. और आएगी नींद भींगी भींगी सी।
जवाब देंहटाएंkya bat hain sundar khyal .....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी भावाव्यक्ति , बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत खूब.... सुंदर पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंलाज़वाब अहसास...
जवाब देंहटाएंसुन्दर...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर एहसास
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर एहसास छलकाती पंक्तियाँ......
जवाब देंहटाएंउन स्मृतियों और उनसे जुड़े शब्दों को यथासंभब सहेज कर रखा जाये।
जवाब देंहटाएंवाह भीने भीने अहसासों से सराबोर रचना
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