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तब
हल्का हल्का
दर्द था
छोटी छोटी
ख़्वाहिशें थी ....
गहरा गहरा
रिश्ता था
महकी महकी
आशाएं थी .....
भरा भरा
दरिया था
प्यासी प्यासी
बारिशें थी ......
...अब
अलग अलग
रास्ता है
भूली भूली
यादें हैं .....
टूटा टूटा
बन्धन है
गुढ़ी गुढ़ी
गांठें हैं .....
सूखा सूखा
सावन है
भरी भरी
आँखें हैं ....... !!
सु..मन