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गुरुवार, 21 फ़रवरी 2019

मातृभाषा


















भाषाएँ कहलाती जीवन
जीवन में फिर होता सृजन 

सृजन से उपजता है ज्ञान
ज्ञान से परिभाषित हो विज्ञान 

विज्ञान से बदलता परिवेश
परिवेश बनाता प्रगतिशील देश

देश की होती अपनी परिभाषा
परिभाषा में अहम होती भाषा

भाषा जिसमें लगी है बिंदी 
बिंदी की सुर्खी से सजी हिंदी 

हिंदी प्रिय भारत की मातृभाषा 
मातृभाषा वंदन हमारी अभिलाषा !!


अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की शुभकामनाएँ |


सु-मन