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मंगलवार, 31 मार्च 2020

इंडिया लॉक डाउन डायरी ~ Day 7 (बेज़िस्म नज़्म)



बेज़िस्म नज़्म 

सब ख़ामोश है आज
'मन' भी लफ्ज़ भी
फड़फड़ा रहा तन्हा
डायरी का पन्ना खाली

सुबह की एक याद
ज़ेहन को कुतर रही
आहिस्ता - आहिस्ता
कर ही देगी शायद खाली
मेरा ये भरा सा 'मन'

पलकों के कोरों में अभी
कुछ अटक के निकल गया
धुँधला कर गया शायद
याद का कड़वा हिस्सा
जेहन की कुरचन भी
थोड़ी थमने लगी है अब

बावजूद इसके -
पन्ना ख़ामोश है
लफ्ज़ 
बेजान
और नज़्म 
बेज़िस्म
कि 'मन' आज उदास बहुत है ।।


सु-मन 

पढ़ें ~ Day 6

4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल गुरुवार (02-04-2020) को   "पूरी दुनिया में कोरोना"   (चर्चा अंक - 3659)    पर भी होगी। 
     -- 
    मित्रों!
    कुछ वर्षों से ब्लॉगों का संक्रमणकाल चल रहा है। आप अन्य सामाजिक साइटों के अतिरिक्त दिल खोलकर दूसरों के ब्लॉगों पर भी अपनी टिप्पणी दीजिए। जिससे कि ब्लॉगों को जीवित रखा जा सके। चर्चा मंच का उद्देश्य उन ब्लॉगों को भी महत्व देना है जो टिप्पणियों के लिए तरसते रहते हैं क्योंकि उनका प्रसारण कहीं भी नहीं हो रहा है। ऐसे में चर्चा मंच विगत दस वर्षों से अपने धर्म को निभा रहा है। 
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

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  2. सुंदर सृजन ,सादर नमस्कार आपको

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