श्वेत समर्पित ये धारा
गर्भित पाषाण
आलिंगन करती धरणी
तन को पुकारती बूंदें
मन से गुजरती रागिनी
नयन की अनबुझ प्यास
कर्णप्रिय ये मधुर नाद
प्रतीत होता मुझे हृदयवास..
प्रकृति के ये मृदु स्वर
हरित कोमल तरुवर
एकल फिर भी अपार
छोई जल प्रपात !!
गर्भित पाषाण
आलिंगन करती धरणी
तन को पुकारती बूंदें
मन से गुजरती रागिनी
नयन की अनबुझ प्यास
कर्णप्रिय ये मधुर नाद
प्रतीत होता मुझे हृदयवास..
प्रकृति के ये मृदु स्वर
हरित कोमल तरुवर
एकल फिर भी अपार
छोई जल प्रपात !!
सु-मन
(छोई जल प्रपात,हिमाचल के मंडी जिला की सेराज घाटी में विकास खंड गोहर की ग्राम पंचायत बगस्याड में स्थित प्रकृति का बहुत अनुपम व अलौकिक खजाना है )
बहुत सुन्दर रचना | ऐसे ही लिखती रहिये |
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर । 😍👍👍 keep it up ...
जवाब देंहटाएंवाह , पूरा खाका खींच दिया है । बहुत सुंदर वर्णन ।
जवाब देंहटाएंवाह ! जल प्रपात की बूंदों se बनी माला ने तन मन सब भिगो दिया..सुन्दर..
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 19 फरवरी 2021 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर व अलहदा सृजन।
जवाब देंहटाएंविशिष्ट जल-प्रपात को समर्पित विशिष्ट रचना । साझा करने के लिए आभार सुमन जी । कविता भी अच्छी है और छोई जल-प्रपात की यात्रा करने की उमंग भी जाग उठी है ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना 👌👌😘
जवाब देंहटाएंजलप्रपात के रूप में प्रकृति के सौंदर्य को समर्पित बहुत सुंदर रचना...🌹🙏🌹
जवाब देंहटाएंजलप्रपात का सौंदर्य आपके काव्य शिल्प में प्रतिबिंबित हो रहा है। सार्थक सृजन... साधुवाद 🙏
जवाब देंहटाएंपुष्प रूपी शब्दों से महक रूपी धागे में पिरोई अति सुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंअनुपम खजाना से मिलवाया है । आभार ।
जवाब देंहटाएंbhut hi badiya post likhi hai aapne. Ankit Badigar Ki Traf se Dhanyvad.
जवाब देंहटाएंHindi Poem
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