कुछ क़तरे हैं ये जिन्दगी के.....जो जाने अनजाने.....बरबस ही टपकते रहते हैं.....मेरे मन के आँगन में......
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सोमवार, 15 मार्च 2010
हसरत-ए-मंजिल
हसरत-ए-मंजिल
न मैं बदला न तुम बदली न ही बदली हसरत-ए-मंजिल फिर क्यूं कहते हैं सभी कि बदला सा सब नज़र आता है शमा छुपा देती है शब-ए-गम के अंधियारे को वो समझते हैं कि हम चिरागों के नशेमन में जिया करते हैं ...............!! सु..मन
शब-ए-गम के..अंधियारे को...वो समझते हैं
जवाब देंहटाएंकि हम चिरागों के नशेमन में जिया करते हैं ....
खूबसूरत नज़्म...लफ़्ज़ों का इंतख़ाब पुरअसर.
मुबारकबाद.
Waah!! behtreen abhivayakti...padhane ke liye dhanywaad.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन!!
जवाब देंहटाएंवो समझते है
जवाब देंहटाएंकि हम चिरागों के नशेमन मे जिया करते हैं ----
बहुत सुन्दर
bahut khoob ji ....really touching one...
जवाब देंहटाएंmujhe esa lagta he ki kcuh he jo choot gya.
जवाब देंहटाएंadhuri-2 si reh gayi rachna.
शमा छुपा देती है
जवाब देंहटाएंशब-ए-गम के अंधियारे को .....वाह .....!!
और वो समझते रहे जलना तो उसकी आदत है ......बहुत खूब .....!!
kavita ke bhaw bahut achchhe hain...
जवाब देंहटाएंapne apne baare me bhi bahut achha likha hai
वो समझते है कि हम चरागो के नशेमन मे जिया करते है... क्या बात है..वाह
जवाब देंहटाएंword verification hata den..logon ko comment karne mein asani rahegi..
जवाब देंहटाएंआपके शब्दों की बुनावट औरों से हट के है लेकिन कमाल है कि फिर लगती अपनी सी ही है..
जवाब देंहटाएंवाह.....आप तो सच में मीत ही हैं, प्यार की लहरें यहाँ कुछ कहती हैं
जवाब देंहटाएंएकाकीपन और भाव खुलकर सामने आये हैं.
जवाब देंहटाएंपहली बार इस ब्लॉग पर आया... अच्छा लगा.
वो समझते हैं कि हम चिरागों के नशेमन में जीते हैं....वाह...बहुत खूबसूरत ...आपके ब्लॉग पर आना सफल हो गया....बधाई...
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आने के लिए शुक्रिया
बहुत खूब !!!
जवाब देंहटाएंकभी अजनबी सी, कभी जानी पहचानी सी, जिंदगी रोज मिलती है क़तरा-क़तरा…
http://qatraqatra.yatishjain.com/
acchhi rachna hai.....
जवाब देंहटाएंवो समझते है
जवाब देंहटाएंकि हम चिरागों के नशेमन मे जिया करते हैं ----
वाह जी वाह ..क्या लिखा है
पहली बार आपको पढ़ा ..लेकिन अफसोश ......की इतनी देर कर दी हमने .
achi post lagi
जवाब देंहटाएंpad kar man ko shanti mili
http://kavyawani.blogspot.com/
SHEKHAR KUMAWAT
bahut achcha laga aaj pehli baar padhkar thanksa suman jii
जवाब देंहटाएंbahut sunder likhti hai suman jii thanks
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