कुछ क़तरे हैं ये जिन्दगी के.....जो जाने अनजाने.....बरबस ही टपकते रहते हैं.....मेरे मन के आँगन में......
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सोमवार, 12 अगस्त 2013
माँ (हायकु )
१ माँ का हृदय करता इंतजार सूना आँगन | २ देख खिलौने झरते झर झर माँ के नयन | ३ कोख है खाली दर दर भटकी माँ की ममता | ४ बेसहारा माँ ताने कई हज़ार कोख में बेटी | ५ जाया पेट का जाता अकेला छोड़ अंतिम यात्रा | सु..मन
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...! आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी का लिंक कल मंगलवार (13-08-2013) को "टोपी रे टोपी तेरा रंग कैसा ..." (चर्चा मंच-अंकः1236) पर भी होगा! सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपने लिखा.... हमने पढ़ा.... और लोग भी पढ़ें; इसलिए बुधवार 14/08/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in ....पर लिंक की जाएगी. आप भी देख लीजिएगा एक नज़र .... लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी का लिंक कल मंगलवार (13-08-2013) को "टोपी रे टोपी तेरा रंग कैसा ..." (चर्चा मंच-अंकः1236) पर भी होगा!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत बहुत शुक्रिया शास्त्री जी ... आप जैसे अनुभवी लोगों का स्नेह और आशीर्वाद यूँ ही मिलता रहे।
हटाएंमार्मिक भावभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया पल्लवी जी
हटाएंbohat hi marmsparshi...
जवाब देंहटाएंहाँजी अपर्णा जी ..क्या करें माँ है न... सब कुछ सह कर भी उपेक्षित है ।
हटाएंबहुत ही सुन्दर और मार्मिक अभिव्यक्ति, आभार।
जवाब देंहटाएंपसंद करने के लिए शुक्रिया राजेद्र जी
हटाएंआपने लिखा....
जवाब देंहटाएंहमने पढ़ा....
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए बुधवार 14/08/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in ....पर लिंक की जाएगी.
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है .
धन्यवाद!
मेरी पोस्ट को ज्यादा पाठकों तक पहुँचाने के लिए आभार यशोधा जी ।
हटाएंमर्मस्पर्शी हाइकु ।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया अरुण :))
जवाब देंहटाएंजी संगीता जी , माँ के मर्म को अभिव्यक्त करने की कोशिश भर है ।
जवाब देंहटाएंबहुत भावपूर्ण हाइकु...
जवाब देंहटाएं~सादर!!!
शुक्रिया अनीता जी
हटाएंसुन्दर प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएं:)))
हटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंthnx Neelima ji
हटाएंबहुत भावपूर्ण हाइकु!
जवाब देंहटाएंlatest post नेता उवाच !!!
latest post नेताजी सुनिए !!!
धन्यवाद कालीपद जी
हटाएंaआभार आपका हर्षवर्धन जी
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर.
जवाब देंहटाएंवाह ... सुमन !!!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति ...
जवाब देंहटाएंदिल को छूने वाले सभी हाइकू ... माँ तो अनमोल है ...
जवाब देंहटाएंदिल छू लिया...
जवाब देंहटाएं. uttam shilp ..
जवाब देंहटाएंmarmsparshi haukuz .
shubhkamnaye
:)
Sunder marmsparshi haiku.
जवाब देंहटाएंभाव प्राधान्य, सुरुचिपूर्ण शब्द विन्यास।
जवाब देंहटाएंVery nice
जवाब देंहटाएंआह !! अद्भुत !
जवाब देंहटाएंkatu satya .....
जवाब देंहटाएंसुन्दर हाईकू!!
जवाब देंहटाएंएक से एक
जवाब देंहटाएंहै बढ़िया हाईकू
ह्रदयस्पर्शी !