उम्र शुरू होने के ठीक पहले
और उम्र ढल जाने के ठीक बाद
होती हैं बहुत सारी बातें
अनगिनत आँकी जाने वाली अटकलें
रख लिया जाता वजूद कसौटी पर
दम तोड़ जाते हैं कुछ रिश्ते
और चेहरा देता है गवाही
वक़्त के कटहरे में खड़े होकर ।
अनगिनत आँकी जाने वाली अटकलें
रख लिया जाता वजूद कसौटी पर
दम तोड़ जाते हैं कुछ रिश्ते
और चेहरा देता है गवाही
वक़्त के कटहरे में खड़े होकर ।
हाथ थामने से ठीक पहले
और हाथ छूट जाने के ठीक बाद
होता है बहुत कुछ कहने को
रह जाते हैं जुबान पर टिक कर
कुछ अनकहे शब्द
दिल की हांडी में पकते रहते है
कुछ ख़्वाब, दिलासे और ढेर सारे जज़्बात
जिंदगी होती है बसर
यादों की चिंगारी में जलकर ।
और हाथ छूट जाने के ठीक बाद
होता है बहुत कुछ कहने को
रह जाते हैं जुबान पर टिक कर
कुछ अनकहे शब्द
दिल की हांडी में पकते रहते है
कुछ ख़्वाब, दिलासे और ढेर सारे जज़्बात
जिंदगी होती है बसर
यादों की चिंगारी में जलकर ।
गांठ पड़ने से ठीक पहले
और गांठ खुल जाने के ठीक बाद
होता है रिश्ता कुछ और
बिखर जाती हैं हर तरफ
वहम के बेहिसाब रेशों की कतरने
टिकी रहती है सूई की नोक पर
विश्वास के पहनावे से उधड़ी आस
उम्र देखती है एक कोने में बैठ
रफ्फू के कच्चे धागों की पकड़ ।
और गांठ खुल जाने के ठीक बाद
होता है रिश्ता कुछ और
बिखर जाती हैं हर तरफ
वहम के बेहिसाब रेशों की कतरने
टिकी रहती है सूई की नोक पर
विश्वास के पहनावे से उधड़ी आस
उम्र देखती है एक कोने में बैठ
रफ्फू के कच्चे धागों की पकड़ ।
अंतिम साँस से ठीक पहले
और साँस टूट जाने के ठीक बाद
होता है क्या कुछ, नहीं पता
पता है तो बस इतना
साँस लेना एक आदत है शायद
एक निर्लज आदत ,एक बेशर्म रवायत
जो नहीं बदलती
उम्र शुरू होने से उम्र ढलने तक
जो नहीं छूटती
हाथ थामने से हाथ छूटने तक
जो नहीं टूटती
गाँठ पड़ने से गाँठ खुलने तक ।
और साँस टूट जाने के ठीक बाद
होता है क्या कुछ, नहीं पता
पता है तो बस इतना
साँस लेना एक आदत है शायद
एक निर्लज आदत ,एक बेशर्म रवायत
जो नहीं बदलती
उम्र शुरू होने से उम्र ढलने तक
जो नहीं छूटती
हाथ थामने से हाथ छूटने तक
जो नहीं टूटती
गाँठ पड़ने से गाँठ खुलने तक ।
पहले पल से ठीक पहले
और बाद पल के ठीक बाद
होता है बहुत कुछ अनचिन्हा
इन शब्दों के दायरे से परे
चिन्हित है तो बस इतना कि
एक आदत में गुजर जाती है जिंदगी
एक गाँठ में सिमट जाती है आख़िरी साँस !!
सु-मन
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति सुमन जी
जवाब देंहटाएंशुक्रिया योगी जी
हटाएंबेहद खुबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंशुक्रिया विभा जी
हटाएंउम्र शुरू होने के ठीक पहले
जवाब देंहटाएंऔर उम्र ढल जाने के ठीक बाद....सुन्दर प्रस्तुति!
धरती की गोद
शुक्रिया संजय जी ..बस इस पहले और बाद में सिमट जाता है सब
हटाएंनवरात्रों की हार्दिक मंगलकामनाओं के आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार (25-03-2015) को "ज्ञान हारा प्रेम से " (चर्चा - 1928) पर भी होगी!
जवाब देंहटाएं--
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत बहुत शुक्रिया शास्त्री जी
हटाएंबहुत बढ़िया ........सुन्दर रचना के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
हटाएंबहुत सुन्दर .. अतीत के पन्ने पलट कर रख दिए हैं ... अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंधन्यवाद संजय जी
हटाएंधन्यवाद संजय जी
हटाएंबहुत सुन्दर रचना , आदि से अंत तक का संपूर्ण जीवन दर्शन है जिसमे !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना..दिल को छू लेने वाली कृति।
जवाब देंहटाएंwah bahut bahut sundar rachna....aisi ki bar bar padhne ko jee chahe
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना,एक नए तहर की बात की हैं अपने,
जवाब देंहटाएंकुछ अनछुए अनकहे आयामो को तराशा हैं.
gud luck
बहुत लाजवाब ... कुछ ख्याल जब अपने मन मुताबिक़ शब्द पा लेते हैं रो रचना का जनम होता है ... इस रचना के साथ भी कुछ ऐसा ही है ... गहरे जज्बात की लम्बी उड़ान ...
जवाब देंहटाएंजीवन के यथार्थ की बहुत गहन और सटीक अभिव्यक्ति...लाज़वाब..
जवाब देंहटाएंजीबन को कुछ अर्थ देती कविता...............
जवाब देंहटाएंhttp://savanxxx.blogspot.in
जिंदगी कितना कुछ सबक सीखा लेती हैं ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना
बहुत खूब , मंगलकामनाएं आपको !
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंएक आदत में गुजर जाती है जिंदगी
जवाब देंहटाएंएक गाँठ में सिमट जाती है आख़िरी साँस....bahut sundar rachna !
आपके ब्लॉग पर आना बढ़िया रहा। आपने तो कमाल की रचना लिखी है।
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग पर आना बढ़िया रहा। आपने तो कमाल की रचना लिखी है।
जवाब देंहटाएंचिर भावों की नूतन शिल्प में अभिव्यक्ति -एक प्रभावित करती कविता
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी रचना प्रकाशित की है आपने।
जवाब देंहटाएंhttp://natkhatkahani.blogspot.com
एक आदत में गुज़र जाती है ज़िंदगी
जवाब देंहटाएंएक गाँठ में सिमट जाती है आखिरी......सांस !
अद्भुत सुमन जी
बहुत सुंदर व गूढ़--जज़्वातों से घिरी कविता।
जवाब देंहटाएंआपने सच कहा कि बस एक आदत में गुजर जाती है जिंदगी। ये कहने का हौसला सबके पास नहीं। बढ़िया लगा पोस्ट.
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव, सुन्दर शब्द चयन व बन्धन वाह
जवाब देंहटाएंवाह।
जवाब देंहटाएं