तू ही प्रमाण , तू ही शाख
तू ही निर्वाण , तू ही राख
तू ही बरकत , तू ही जमाल
तू ही रहमत , तू ही मलाल
तू ही रहबर , तू ही प्रकाश
तू ही तरुबर , तू ही आकाश
तू ही जीवन , तू ही आस
तू ही सु-मन , तू ही विश्वास !!
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मन में विश्वास है और विश्वास में तुम
मेरे आकारित परिवेश के तुम एकमात्र प्रहरी हो ।
सु-मन