कुछ क़तरे हैं ये जिन्दगी के.....जो जाने अनजाने.....बरबस ही टपकते रहते हैं.....मेरे मन के आँगन में......
खूबसूरत पंक्तियाँ सुमन जी
बहुत सुंदर
बिल्कुल सही कह रही हैं आप...अच्छी लाइन
Sahi hai
खूबसूरत पंक्तियाँ सुमन जी
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही कह रही हैं आप...अच्छी लाइन
जवाब देंहटाएंSahi hai
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