किसी भी बात का जरूरी व गैरजरूरी होना मनुष्य की जरूरत पर निर्भर करता है । एक प्रश्न किसी के लिए जरूरी हो सकता है परन्तु उसका उत्तर न देकर वही प्रश्न दूसरे के लिए गैरज़रूरी । प्रश्न एक ही लेकिन उसके मायने अलग अलग । जीवन की पाठशाला में निरुत्तर कुछ प्रश्न जरूरत की स्याही ढूँढते रहते हैं ।
सु-मन
पिछली कड़ी : शब्द से ख़ामोशी तक – अनकहा मन का (२२)
एकदम मुनासिब तथ्य। जरूरी व गैरजरूरी के बीच बहुत महीन लकीर होती है।
जवाब देंहटाएंठीक कहा आपने।
जवाब देंहटाएंBahot Acha Jankari Mila Post Se . Ncert Solutions Hindi or
जवाब देंहटाएंAaroh Book Summary ki Subh Kamnaye
Nice
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