मेरे जाने के बाद
होती रहेंगी यूँ ही सुबहें
शामें भी गुजरेंगी इसी तरह
रातें कभी अलसाई सी स्याह होगीं
कभी शबनमी चांदनी से भरपूर
खिला करेंगे यूँ ही
ये बेशुमार फूल इस आँगन
कमरा यूँ ही सजा रहेगा
कुछ मामूली और कीमती चीज़ों से
यूँ चलती रहेगी घड़ी टिक-टिक
चलता रहेगा वक़्त अपनी चाल
धड़कता रहेगा दिल सबके सीने में
होती रहेगी साँसों की आवाजाही इसी तरह
कुछ भी तो नहीं बदलता?
एक इंसान के जाने के बाद...
होती रहेंगी यूँ ही सुबहें
शामें भी गुजरेंगी इसी तरह
रातें कभी अलसाई सी स्याह होगीं
कभी शबनमी चांदनी से भरपूर
खिला करेंगे यूँ ही
ये बेशुमार फूल इस आँगन
कमरा यूँ ही सजा रहेगा
कुछ मामूली और कीमती चीज़ों से
यूँ चलती रहेगी घड़ी टिक-टिक
चलता रहेगा वक़्त अपनी चाल
धड़कता रहेगा दिल सबके सीने में
होती रहेगी साँसों की आवाजाही इसी तरह
कुछ भी तो नहीं बदलता?
एक इंसान के जाने के बाद...
मेरी प्रिय !
मेरे जाने के बाद
तुम भी नहीं बदलोगी
मैं रहूंगी जिन्दा तुम्हारे सृजन के मेरे हर लफ्ज़ में
जीयूँगी हर अधूरी ख्वाहिशें
मेरी डायरी के हर वरक में धड़कती तुम
जब कभी पढ़ी जाओगी
मेरी चाही हुई नेमतों को मिलेगी साँसें
जब कोई लिखे एहसास को आत्मसात कर
मोड़ लेगा उस वरक का किनारा ,फिर पढ़ने को
जी लूँगी उस क्षण
चाही हुई एक मुक्कमल जिंदगी !!
***
जो जीया उसे लिखना आसान नहीं ...जो लिखा उसे जीना । जिंदगी का कविता होना या कविता का जिंदगी होना जायज़ है या नाजायज़.. नहीं पता । हाँ , हर लिखे लफ्ज़ में जी हुई नाजायज़ साँसों की कर्ज़दार हूँ !!
मेरे जाने के बाद
तुम भी नहीं बदलोगी
मैं रहूंगी जिन्दा तुम्हारे सृजन के मेरे हर लफ्ज़ में
जीयूँगी हर अधूरी ख्वाहिशें
मेरी डायरी के हर वरक में धड़कती तुम
जब कभी पढ़ी जाओगी
मेरी चाही हुई नेमतों को मिलेगी साँसें
जब कोई लिखे एहसास को आत्मसात कर
मोड़ लेगा उस वरक का किनारा ,फिर पढ़ने को
जी लूँगी उस क्षण
चाही हुई एक मुक्कमल जिंदगी !!
***
जो जीया उसे लिखना आसान नहीं ...जो लिखा उसे जीना । जिंदगी का कविता होना या कविता का जिंदगी होना जायज़ है या नाजायज़.. नहीं पता । हाँ , हर लिखे लफ्ज़ में जी हुई नाजायज़ साँसों की कर्ज़दार हूँ !!
सु-मन
कविता अच्छी है , पर उदास कर गई । उम्मीद हसि , बस कविता ही है , कुछ और नहीं ।
जवाब देंहटाएंतेरे आने के बाद की
जवाब देंहटाएंकहानी अभी
शुरु नहीं की है
उसे पढ़ने की
फुरसत मिले पहले
तो तेरे जाने के
बाद का कुछ सोचा जाये । :)
खुश रहो ।
सही है, जो जिया उसे लिखना आसान नहीं।
जवाब देंहटाएंसही है, जो जिया उसे लिखना आसान नहीं।
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 23 मई 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंअद्भुत अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंSunder r bhavpurn..
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसुमन जी आपने अपनी इस कविता से बिल्कुल अंदर से झकझोर के रख दिया ये कविता बिलकुल दुःख से भरी हुई है पर आपकी इस कविता का सन्देश बहुत ही अच्छा है ये कविता बहुत ही सुन्दर है आप अपनी कविताएं इसी प्रकार से शब्दनगरी ..
जवाब देंहटाएंपर भी लिख सकती हैं ........
अब RS 50,000/महीना कमायें
जवाब देंहटाएंWork on FB & WhatsApp only ⏰ Work only 30 Minutes in a day
आइये Digital India से जुड़िये..... और घर बैठे लाखों कमाये....... और दूसरे को भी कमाने का मौका दीजिए... कोई इनवेस्टमेन्ट नहीं है...... आईये बेरोजगारी को भारत से उखाड़ फैंकने मे हमारी मदद कीजिये.... 🏻 🏻 बस आप इस whatsApp no 8017025376 पर " INFO " लिख कर send की karo or
kuch bhi nahi badlta par dil ka mousam to jrur bdl jaata hai jise sirf vahi insan janta hai jiska sathi bichor jaata hai...........bahut hi achhi kavita ....dil ko choo gyi
जवाब देंहटाएंHeart touching
जवाब देंहटाएंHeart touching
जवाब देंहटाएंजीवन की वास्तविकता को दिये है शब्द सुमन, चला जाए कोई नही बदलता है चमन
जवाब देंहटाएंआपकी इस कविका को अर्पित हैं अनगिन सुमन,सच कहा है आपने मेरा है आपको नमन
सुमन जी अगर आप हमारे आयुर्वेदिक ब्लाग पर आये और अपनी उपस्थिति दर्ज कराऐँ तो बहुत खुशी होगी।
http://ayurvedlight.blogspot.in/