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बुधवार, 24 फ़रवरी 2021

एक नई कोशिश

प्रिय पाठक !

                       ब्लॉग लेखन के सफ़र को 11 वर्ष होने को है | खूब कवितायेँ लिखी और आप सबका  भरपूर प्यार और आशीर्वाद मिला | अपनी कविता को अपनी ही आवाज़ देने की एक नई कोशिश की है, आशा है आप सब पसंद करेंगे |

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सु-मन 



       कविता की ब्लागपोस्ट का लिंक : छोई जलप्रपात 

गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021

छोई जल प्रपात














श्वेत समर्पित ये धारा
गर्भित पाषाण
आलिंगन करती धरणी

तन को पुकारती बूंदें
मन से गुजरती रागिनी
नयन की अनबुझ प्यास
कर्णप्रिय ये मधुर नाद
प्रतीत होता मुझे हृदयवास..

प्रकृति के ये मृदु स्वर
हरित कोमल तरुवर
एकल फिर भी अपार
छोई जल प्रपात !!

सु-मन 

(छोई जल प्रपात,हिमाचल के मंडी जिला की सेराज घाटी में विकास खंड गोहर की ग्राम पंचायत बगस्याड में स्थित प्रकृति का बहुत अनुपम व अलौकिक खजाना है ) 

बुधवार, 3 फ़रवरी 2021

शब्द से ख़ामोशी तक – अनकहा मन का (२०)


हम अपने अधिकांश जीवन में अनभिज्ञ बने रहते हैं। हमेशा उस वस्तु या इंसान पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो हमारी प्रगति, हमारे मन की शांति में बाधित महसूस होते है और खुद को दुखी करते हैं उस वस्तु / इंसान के कारण। दूसरों को दोषी ठहराते हैं अपने दुख के लिए । वो दुख जो हमारा अपना बनाया है । *बुद्ध* कितनी सरल और स्वाभाविक बात बोलते हैं कोई कुछ भी बोले , कोई वस्तु मन पर कितनी चोट करे बस तुम उसको ग्रहण(आत्मसात) मत करो । जब कुछ तुम्हारा नहीं होगा तो दुख भी ना होगा । बस खुद को पूर्ण रूप से अपना लो । जितना ध्यान बाहर(वस्तु/ इंसान) की तरफ है उतना अंदर की तरफ लगाओ और भीतर आत्मसात कर इस अनभिज्ञता से बाहर आ जाओ ।
मन ! भीतर की यात्रा सफल हो .... |
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