बरसात जब होले होले दस्तक देने लगती है तो इस धरा का जर्रा जर्रा महक उठता है यूं लगता है कि नवजीवन का संचार हुआ हो ।मन मचल उठता है कुछ लिखने को.........
सुमन 'मीत'
घना फैला कोहरा
कज़रारी सी रात
भीगे हुए बादल लेकर
फिर आई है ‘बरसात’;
अनछुई सी कली है मह्की
बारिश की बूंद उसपे है चहकी
भंवरा है करता उसपे गुंजन
ये जहाँ जैसे बन गया है मधुवन;
रस की फुहार से तृप्त हुआ मन
उमंग से जैसे भर गया हो जीवन
’बरसात’ है ये इस कदर सुहानी
जिंदगी जिससे हो गई है रूमानी !!
सुमन 'मीत'
बेहतरीन
जवाब देंहटाएं0 तिरुपति बालाजी के दर्शन और यात्रा के रोमांचक अनुभव – १० [श्रीकालाहस्ती शिवजी के दर्शन..] (Hilarious Moment.. इंडिब्लॉगर पर मेरी इस पोस्ट को प्रमोट कीजिये, वोट दीजिये
sunder kavita...mano man ke ankur foot rahe hain hole hole.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना है,,,,
जवाब देंहटाएंहैप्पी बारिश !
जवाब देंहटाएंबारिश मुबारक !!
बारिश आएगी तो ये पंक्तियां तो आएंगी हीं....वैसे भी मन तो बावरा होता है। लगता है बरसात कैसी होती है ये भूल सा गया हूं। चलिए दिल्ली मे इंतजार है मानसून का फुहारों का। शायद इस बार बरसात फिर से जी जाए...अपने अंदर...
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अभिव्यक्ति...हलकी हलकी फुहारों जैसी
जवाब देंहटाएंरोमांटिक
जवाब देंहटाएंachchhi prastuti
जवाब देंहटाएंkafi acha laga pad ke.... bahut khubsoorat hai
जवाब देंहटाएंआपकी कलियाँ यूँ ही बरसात में मुस्काती रहे ......
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अभिव्यक्ति....!!
लाजवाब रचना ......
जवाब देंहटाएंबूँदें तो दिल को महका देती हैं ..... सुंदर रचना है ... बरसात का आगमन शुभ हो ...
जवाब देंहटाएंएक चादर, तनिक झीनी, प्रकृति ने लपेट ली,
जवाब देंहटाएंमुझे शर्माती लगे वो, लोग बारिश कह रहे ।
baarish ppar kavita achchhi lagi
जवाब देंहटाएंmahsoos ho gyaa saavan
जवाब देंहटाएंbahut subdar.
जवाब देंहटाएंsheetal...agar ek shabd me hi kahun to
जवाब देंहटाएंbahut umda rachna hai, apke blog par pehli baar ana hua, bansant bahar ki tarah kafi bhara pura blog hai with great positive vibes..
जवाब देंहटाएंबरसात की तरह ताज़गी से भरती सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंManmohak !
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