1
जिन्दगी की खुशियाँ
दामन में नहीं सिमटती
ऐ मौत ! आ
तुझे गले लगा लूँ...........
2
जिन्दगी एक काम कर
मेरी कब्र पर
थोड़ा सकून रख दे
कि मर कर
जी लूँ ज़रा..........
3
जिन्दगी दे दे मुझे
चन्द टूटे ख़्वाब
कुछ कड़वी यादें
कि जीने का
कुछ सामान कर लूँ........
सु..मन
मर कर जी लूं जरा...वाह!! सुभान अल्लाह!! क्या बात है!! गहरी!!
जवाब देंहटाएंसुमन जी
जवाब देंहटाएंये भाव सामान्यत: घोर नैराश्य से जनित हैं
पर भाव है कविता बन ही जाते हैं. सच मैने भी कई बार इसे महसूस किया
वाह जी जबाब नही आप की गजल का, बहुत खुब धन्यवाद
जवाब देंहटाएंजिन्दगी को परिभाषित करते हुए सुन्दर शब्दचित्र!
जवाब देंहटाएंvah.......kya bat hai..bahoot badhiya
जवाब देंहटाएंतीनो रचनायें दिल मो छू गयी। मगर ज़ुन्दगी सकून देना जानती होती तो ज़िन्दा रहते ही दे देती। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंhmmmmm bahut khooob swagat hai ....likhte rahe....mujhe antim pangtiya achha lagi...
जवाब देंहटाएंआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (21-2-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
मर कर भी चैन न आया तो ? बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (21-2-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
क्या खुब लिखा है आपने...बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंमर्मस्पर्शी रचना बधाई .
बहुत ही संवेदनशील प्रस्तुति...बहुत संदुर
जवाब देंहटाएंमर्मस्पर्शी क्षणिकायें ! बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंज़िंदगी का सामान ..बहुत खूब
जवाब देंहटाएंगागर में सागर सी हैं ये क्षणिकाएं।
जवाब देंहटाएं---------
कैसी होगी भविष्य की दुनिया।
अद्भुत रहस्य : कहां गये वे लोग ?
SUNDAR
जवाब देंहटाएंगजब की अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंबधाई !
क्षणिकाएं
जवाब देंहटाएंउदास होते हुए भी
मन को सुकून बख्शती हैं.....
अभिवादन .
bahut sunder....
जवाब देंहटाएंगम है तो मजा है जीने का ...
जवाब देंहटाएंवर्ना खली कोई कमरा हो जैसे !
जिंदगी से क्या क्या मांग लिया आपने !
माशा अल्लाह.
जवाब देंहटाएंक्या लिखा है आपने.
सलाम
bahut khoob .....!!
जवाब देंहटाएंआख़िरी पंक्ति बहुत पसंद आई
जवाब देंहटाएंऔर एक शेर भी याद आ गया
चला जाता हूँ हंसता खेलता दौरे-हवादिस से
अगर आसानियाँ हो ज़िंदगी दुश्वार हो जाए
सभी क्षणिकाएँ बहुत सुन्दर हैं!
जवाब देंहटाएंमैं नीरभरी दुख की बदली..
जवाब देंहटाएंसमेट कर इतना प्यार दामन में, कैसे जी पाओगे 'मन'... जीने के लिए थोड़ा सा दर्द उधार ले लो..
जवाब देंहटाएंहृदय स्पर्शी, मर्म स्पर्शी..... बहुत खूब अंदाज़े-ब्यान है दर्द का.......
जवाब देंहटाएंamazing lines, bahut der se padh raha hoon , man me gahri utarti hui.. man thoda ashaant hua , ab shaant ho gaya hai .. thanks for the philosphical touch.
जवाब देंहटाएंवाह जनाब वाह
जवाब देंहटाएंक्या गागर में सागर समेटा है
आखिरी वाली ज्यादा ही अच्छी लगी मुझे तो
bahit achha likha h......life is more thn a journey.
जवाब देंहटाएंtino hi rachnayen ati sundar...badhai
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