आजकल चाँद बादलों के संग आँख मिचोली करता रहता है और मुझे मेरा आसमां कुछ यूं नजर आता है.........................
मेरा आसमां
आज मेरा आसमां धुंधला सा है
सितारों के बगैर चाँद सूना सा है;
बादलों की परछाई जब उसे घेर लेती
गुमसुम सी चाँदनी जैसे मुँह फेर लेती;
बादलों ने भी रूख पे नकाब है ओढ़ा
छलक पड़ेगा नीर जब सरकेगा वो थोड़ा;
तब छंटेगी धुंध मेरे आसमां की
निखर आयेगी चाँदनी इक मेहरबां सी ..........!!
सु..मन
निखर आयेगी चांदनी मेहेरबाँ सी ।
जवाब देंहटाएंकितनी सुंदर अबिव्यक्ती है । बधाई सुमन जी ।
निखर आयेगी चांदनी मेहेरबाँ सी
जवाब देंहटाएंकशमकश है...लेकिन सुन्दर संवाद !
समय हो तो पढ़ें
हिरोशीमा की बरसी पर एक रिक्शा चालक
http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_06.html
बहुत उम्दा!! अच्छा लगा पढ़ कर.
जवाब देंहटाएंbahut sundar suman ji...........
जवाब देंहटाएंधुन्ध धैर्य से छटती है।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएं...छंटेगी धुंध मेरे आसमां की
जवाब देंहटाएंनिखर आयेगी चाँदनी इक मेहरबां सी .....
सकारात्मक....
क्या खूब कहा है.....वाह
सुमन जी...
जवाब देंहटाएंचाँद छुपा होता बादल में...
या फिर हो धुंधला आकाश...
छानकर भी आता अवनी पर...
चांदनी का मद्धम प्रकाश...
सुन्दर कविता...
दीपक....
बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंजितना सुन्दर चित्र उतने ही मन मोहक शब्द...बहुत अच्छी रचना...
जवाब देंहटाएंनीरज
bahut hi khobsurat aur bhav vibho kar dene wali prastuti.
जवाब देंहटाएंpoonam
अच्छा अगीत है।
जवाब देंहटाएंचाँदनी के निखार जाने से जीवन की शुरुआत हो जाती है .. कायनात चल पड़ती है प्यार की ....
जवाब देंहटाएंsuman ji bahut dinon se aapase baat karana chahati thi lekin samay nahin milata hai aapako hamesha padhati hun par tipapani karanaa nahi ho pata aaj to soch liyaa ki jarur bhejugin bahut hi sundar vichaar hai aapake or abhivakti bhi kamaal hai -mamta
जवाब देंहटाएंaplog kitne great hai.......???????
जवाब देंहटाएंbahut khub..........