कुछ क़तरे हैं ये जिन्दगी के.....जो जाने अनजाने.....बरबस ही टपकते रहते हैं.....मेरे मन के आँगन में......
ये नमी सूखने नहि देती ग़म की हरियाली ...गहरे शब्द ...
बहुत सही थोड़ी सी नमी भी काफी होती है अंकुरण के लिए
सही कहा
ये नमी सूखने नहि देती ग़म की हरियाली ...
जवाब देंहटाएंगहरे शब्द ...
बहुत सही
जवाब देंहटाएंथोड़ी सी नमी भी काफी होती है अंकुरण के लिए
सही कहा
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