कुछ क़तरे हैं ये जिन्दगी के.....जो जाने अनजाने.....बरबस ही टपकते रहते हैं.....मेरे मन के आँगन में......
सामयिक और सार्थक।
Very nice.
सामयिक और सार्थक।
जवाब देंहटाएंVery nice.
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