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गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021

छोई जल प्रपात














श्वेत समर्पित ये धारा
गर्भित पाषाण
आलिंगन करती धरणी

तन को पुकारती बूंदें
मन से गुजरती रागिनी
नयन की अनबुझ प्यास
कर्णप्रिय ये मधुर नाद
प्रतीत होता मुझे हृदयवास..

प्रकृति के ये मृदु स्वर
हरित कोमल तरुवर
एकल फिर भी अपार
छोई जल प्रपात !!

सु-मन 

(छोई जल प्रपात,हिमाचल के मंडी जिला की सेराज घाटी में विकास खंड गोहर की ग्राम पंचायत बगस्याड में स्थित प्रकृति का बहुत अनुपम व अलौकिक खजाना है ) 

15 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर रचना | ऐसे ही लिखती रहिये |

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  2. वाह , पूरा खाका खींच दिया है । बहुत सुंदर वर्णन ।

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  3. वाह ! जल प्रपात की बूंदों se बनी माला ने तन मन सब भिगो दिया..सुन्दर..

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  4. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 19 फरवरी 2021 को साझा की गई है.........  "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  5. विशिष्ट जल-प्रपात को समर्पित विशिष्ट रचना । साझा करने के लिए आभार सुमन जी । कविता भी अच्छी है और छोई जल-प्रपात की यात्रा करने की उमंग भी जाग उठी है ।

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  6. जलप्रपात के रूप में प्रकृति के सौंदर्य को समर्पित बहुत सुंदर रचना...🌹🙏🌹

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  7. जलप्रपात का सौंदर्य आपके काव्य शिल्प में प्रतिबिंबित हो रहा है। सार्थक सृजन... साधुवाद 🙏

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  8. पुष्प रूपी शब्दों से महक रूपी धागे में पिरोई अति सुंदर रचना ।

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  9. अनुपम खजाना से मिलवाया है । आभार ।

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