अश्क बनकर बह गए जिन्दगी के अरमां
चाहतें अधूरी रह गई इसी दरमियां
खाबों का घरौन्दा टूट कर बिखर गया
हमसे हमारा साया ही जैसे रूठ गया
फूल भी जैसे अब न बिखेर पाये खुशबू
कांटे ही कांटे हैं जीवन में जैसे हरसू
दिल जैसे रो रहा पर होंठ मुस्कराते
गम-ए-जिन्दगी का ज़हर पीते जाते
इस चमन से आज ये ‘सुमन’ है पूछे
क्या पाया है उसने जिन्दगी से मिल के
क्या पाया है उसने जिन्दगी से मिल के............
सु..मन
वाह!!! बहुत भावपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएंदर्द के एहसास से भरी .. कोमल प्रस्तुति. ..!!
जवाब देंहटाएंदिल से लिखी गयी रचना आभार ....
जवाब देंहटाएंसुंदर भावाभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंएक विस्तृत आसमां है,
जवाब देंहटाएंराह मे तेरी खड़ा है,
अश्रु का धुंधला हटा कर,
नीलिमा को देख प्यारे।
एक शेर याद आ गया आप की कविता पर..
जवाब देंहटाएंजिन्दगी तेरे गम ने हमे रिश्ते नए बतलाये
मिले जो हमे धुप में मिले छांव के ठंढे साये ......
bahut bhawnapurn rachana. dhanyawad.
जवाब देंहटाएंदर्द की दास्तान है
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
दिल जैसे रो रहा पर होंठ मुस्कुराते
जवाब देंहटाएंग़मे-ज़िन्दगी का ज़हर पीते पीते
अच्छी रचना के लिए बधाई सुमन जी
आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया ........
जवाब देंहटाएंवन्दना जी धन्यवाद मेरी रचना को स्थान देने के लिये...
जवाब देंहटाएंबेहद सुंदर लिखती हैं आप,क्या कहूँ ,पर दर्द क्यों इतना,अक्सर मंथन करने की कोशिश करता हूँ ,फ़िर छोड़ देता हूँ ।
जवाब देंहटाएंजो भी हो जबर्दस्त प्रस्तुति होती है आपकी भावनाओं की ।
dard a dil ki dastan .....bahut hi khubsurat peshkash
जवाब देंहटाएंBohot hi pyaara.. dil ko chu gaya..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब खूबसूरत रचना बहुत सुंदर अभिव्यक्ति. ...
जवाब देंहटाएंखाबों का घरउँदा---- बहुत दर्द है इन पँक्तिओं मे। अच्छी रचना। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंगतिशील भावनाओं को स्वर ...सुंदर अभिव्यक्ति आभार जी /
जवाब देंहटाएंगहन वेदना दिखाई दे रही है ...अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही भाव पूर्ण ... सच में जिंदगी से अगसर वो नहीं मिलता जो इंसान चाहता है ...
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने! हर एक पंक्तियाँ दिल को छू गयी!
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
दिल के अरमां आंसुओं में बह गए....
जवाब देंहटाएंsamvedansheel zazbaato ka karvaan.
जवाब देंहटाएंएक दर्द भरी दास्ताँ ... मर्मस्पर्शी रचना
जवाब देंहटाएंkhoobasoorat shabdoM me dard bhee khoobasoorat lagane lagaa. shubhkamnayen
जवाब देंहटाएंदिल जैसे रो रहा पर होंठ मुस्कुराते
जवाब देंहटाएंग़मे-ज़िन्दगी का ज़हर पीते पीते
khoobsurat rachna