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शुक्रवार, 8 मई 2015

हाँ मैं नास्तिक हूँ













हाँ मैं नास्तिक हूँ
नहीं बजाती
रोज़ मंदिरों की घंटियाँ
ना ही जलाती हूँ
आस का दीपक
नहीं देती
ईश्वर को दुखों की दुहाई
ना ही करती हूँ
क्षणिक सुखों की कामना
नहीं चढ़ाती
जल फूल फल मेवा
ना ही जपती हूँ
आस्था के मनके की माला |

हाँ, मैं दूर बैठ
मांगती हूँ
अपने कर्मों को भोगने की शक्ति
जीए जा सकने वाली सहनशीलता
अपने कर्तव्यों के निर्वहन की क्षमता
सुख दुख को आत्मसात करने का संबल
मृत्यु का अभिनन्दन करने का साहस |

हाँ मैं नास्तिक हूँ
हाँ मैं नास्तिक हूँ !!

सु-मन


23 टिप्‍पणियां:

  1. अपने कर्मों पर आस्था ही है सच्ची आस्तिकता...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...

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  2. बहुत सुन्दर सार्थक रचना ! आप जो कुछ दूर बैठ कर माँगती हैं वही श्रेष्ठ है और तथाकथित आस्तिकता के स्वांग से बहुत ऊपर है ! अति सुन्दर !

    जवाब देंहटाएं
  3. हम तो कभी आस्तिक कभी नास्तिक हो जाते हैं ।

    सुंदर अभिव्यक्ति ।

    जवाब देंहटाएं
  4. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (09-05-2015) को "चहकी कोयल बाग में" {चर्चा अंक - 1970} पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
    ---------------

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  5. अपने मन और कर्म पर भरोसा रखना ही सच्ची पूजा है । सुन्दर काव्य लिखा है सुमन जी आपने

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  6. सुन्दर और विचारणीय रचना ..सु-मन जी ..कहते हैं की नास्तिक तो कोई हो ही नहीं सकता जितना ही आप किसी से वैर करो उतना ही वो याद आता है ..
    भ्रमर ५

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  7. बहुत सुन्दर ..
    नास्तिक-आस्तिक सोच भर है ...

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  8. आप ईश्वर के न होने की बात करते हो तो अपने आप ही ईश्वर का ज़िक्र होता है । नास्तिक तो दरअसल सबसे बड़ा आस्तिक ही होता है ।

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  9. आप वास्तव में आस्तिक हैं ,कर्मकांड के दिखावा से दूर एकांत में ही ईश्वर और अपने कर्मफल पर मंन स्थिर किया जा सकता है l माला जपना, .मंदिर जाना आस्तिकता का प्राण नहीं है l

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  10. जो नास्तिक है वही सबसे बड़ा आस्तिक है...

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  11. नास्तिक ही असली मानव है ईशवर तो मूर्खो का स्वामी है

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    उत्तर
    1. आपने बिलकुल सही बात कही है,रनधीर सिंह जी।

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  12. बहुत ही सुंदर रचना।

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  13. नास्तिक होते हुए भी आस्था में विश्वास ... भावों का आवेग ...

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  14. Mera nasti WhatsApp per group h koi join hoga chata h to join massage me 7413937318 pre world ko nastik benaye GE

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  15. मैम मैं आप की इस पोस्ट से आप को अपना गुरु मान लिया वाकई में ऐसी कविता कभी नही सुनी थी

    जवाब देंहटाएं
  16. Me mandir me us patthar ke samne apna sar jhukakar apne aapko sharminda karna nahi chahta kyoki mata-pita hi mere bhagbaan hai .9575809127

    जवाब देंहटाएं

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