@सर्वाधिकार सुरक्षित

सर्वाधिकार सुरक्षित @इस ब्लॉग पर प्रकाशित हर रचना के अधिकार लेखक के पास सुरक्षित हैं |

शनिवार, 21 नवंबर 2015

शब्द से ख़ामोशी तक – अनकहा मन का (५)

                     पहली बार जब जिन्दगी ने दरवाजा खोला था उस पल क्या महसूस किया होगा इस एहसास से अनभिज्ञ होते हैं हम | धीरे धीरे दरवाजे को लाँघ कर जब जिंदगी के आशियाने में प्रवेश करते हैं तो दुख सुख के कमरे मिलते हैं जिनकी चार दीवारी को हम अपनी इच्छाओं के रंग पोत देते हैं | उन दीवारों पर होती हैं हमारे दिल की ओर झाँकती खिड़कियाँ जो वक़्त के साथ साथ कभी खुली और बंद दिखती हैं |
दरअसल , खिड़कियाँ अनवरत आती जाती हमारी साँसें हैं ...थक जाने वाली जिन्दगी की अनथक साँसें ..बेहिसाब साँसें !!

सु-मन 

9 टिप्‍पणियां:

  1. जय मां हाटेशवरी....
    आप ने लिखा...
    कुठ लोगों ने ही पढ़ा...
    हमारा प्रयास है कि इसे सभी पढ़े...
    इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना....
    दिनांक 22/11/2015 को रचना के महत्वपूर्ण अंश के साथ....
    पांच लिंकों का आनंद
    पर लिंक की जा रही है...
    इस हलचल में आप भी सादर आमंत्रित हैं...
    टिप्पणियों के माध्यम से आप के सुझावों का स्वागत है....
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    कुलदीप ठाकुर...


    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (21-11-2015) को "काँटें बिखरे हैं कानन में" (चर्चा-अंक 2168) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  3. खुली खिड़कियों से साँसें आती जाती रहें अनवरत बिना रोकटोक :)

    जवाब देंहटाएं
  4. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, हिन्दी फिल्मों के प्रेरणादायक संवाद - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    जवाब देंहटाएं
  5. सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
    मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार....

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहिसाब सांसें... और सांस दर सांस अटकता चलता जीवन... !!

    जवाब देंहटाएं
  7. सुन्दर प्रस्तुतिकरण के लिए आपका सादर आभार...
    Matrimonial Website

    जवाब देंहटाएं

www.hamarivani.com
CG Blog www.blogvarta.com blogavli
CG Blog iBlogger