कहते हैं इस दुनिया में
हर चीज की अहमियत होती है
क्यों हमारे जज़्बातों के लिए
इसकी कमी सी लगती है
जब समय के साथ
हर चोट भर जाती है
क्यों हमारे ही जख्मों में
इक टीस सी रहती है
ये पूछते हैं अकसर खुद से – 2
क्यों अपनी ही तमन्नाओं के सैलाब में
हमारी उल्फत दबी सी रहती है........ !!
सु..मन
अपने भावो को बहुत सुंदरता से तराश कर अमूल्य रचना का रूप दिया है.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदरता से मन के भावों को शब्द दिये है आपने..लाजवाब।
जवाब देंहटाएंबहुत भावपूर्ण...
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव संयोजन्।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंभावनाओं को मान मिलने से ऊर्जा द्विगणित हो जाती है।
जवाब देंहटाएंbahut sundar !man ko bhane wala .
जवाब देंहटाएंज्यादा उम्मीदें चाहतों में कमीं पैदा कर देती हैं ....
जवाब देंहटाएंअच्छे भाव हैं नज़्म के .....!!
भावपूर्ण अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावों की बेहतरीन अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंबहुत सही सवाल किया है तुमने सुमन............. अक्सर ऐसा ही होता है......... मगर क्यूँ और किस लिए होता है, इसका जवाब किसी के पास नहीं होता........... :((
जवाब देंहटाएंबहुत खूब सुमन !
जवाब देंहटाएंअच्छी पंक्तियां-
"क्यों अपनी ही तमन्नाओं के सैलाब में
हाअरी उल्फ़त दबी सी रहती है......!!"
वाह जी, वाह ! जय हो आपकी !
www.omkagad.blogspot.com
क्यों हमारे ही ज़ख्मों में एक टीस सी रहती है...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा है सुमन जी.
हमारी उल्फत दबी सी रहती है ...!!!
जवाब देंहटाएंशब्दों का बहुत खूबसूरत एहसास कराती रचना ...:)
बहुत भावपूर्ण सुन्दर पंक्तियां
जवाब देंहटाएंरंग के कारण बहुत मुश्किल से पढ पाई हूँ। बहुत सुन्दर दूसरे ब्लाग पर ' ज़िन्दगी " पर कमेन्ट नही हो पा रहा। लाजवाब है ज़िन्दगी का फलसफा। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंbhut khoobsurat shabdo ka srijan.
जवाब देंहटाएंaap sabhi ka tahe dil se shukriya....
जवाब देंहटाएंAnamika ji..bahut dino baad mere blog pe aai aap...bahut bahut shukriya
जवाब देंहटाएंब्लॉग जगत में पहली बार एक ऐसा सामुदायिक ब्लॉग जो भारत के स्वाभिमान और हिन्दू स्वाभिमान को संकल्पित है, जो देशभक्त मुसलमानों का सम्मान करता है, पर बाबर और लादेन द्वारा रचित इस्लाम की हिंसा का खुलकर विरोध करता है. साथ ही धर्मनिरपेक्षता के नाम पर कायरता दिखाने वाले हिन्दुओ का भी विरोध करता है.
जवाब देंहटाएंआप भी बन सकते इस ब्लॉग के लेखक बस आपके अन्दर सच लिखने का हौसला होना चाहिए.
समय मिले तो इस ब्लॉग को देखकर अपने विचार अवश्य दे
.
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जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर पल ....
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