तन्हा सी इस जिंदगी को
कोई सहारा तो चाहिए
दर दर भटकती रूह को
कोई ठिकाना तो चाहिए
तन्हा सी..............
भंवर में घिरी कश्ती को
कोई किनारा तो चाहिए
लहरों में फंसे मुसाफिर को
तिनके का सहारा तो चाहिए
तन्हा सी..............
जीवन में आए सैलाब को
थमने का भरोसा तो चाहिए
मन में उमड़े ख़यालों को
सच होने का दिलासा तो चाहिए
तन्हा सी..............
आँखों में घिर आए बादलों को
बहने का बहाना तो चाहिए
आस में डूबी इन निगाहों को
मंजिल का नज़ारा तो चाहिए
तन्हा सी..............
हर पल मरती इन साँसों को
जीने का सबब तो चाहिए
अंधियारे रास्तों पर बढ़ते कदमों को
उजाले की आहट तो चाहिए
तन्हा सी..............
दिशाहीन दिमागी सोचों को
दिशा की चाहत तो चाहिए
अंतरमन में उठते भावों को
शब्दों की मिलावट तो चाहिए
तन्हा सी..............
खो ना जाऊँ दुनिया की भीड़ में ‘तन्हा’
कुछ कदम तक साथ तो चाहिए
तेरे बिना मैं कुछ नहीं ‘मालिक’
तेरे साथ की जरुरत तो चाहिए
तन्हा सी..............
तन्हा सी..............
सु..मन
अंधियारे रास्तों पर बढ़ते क़दमों को
जवाब देंहटाएंउजाले की आहट तो चाहिए .....
तेरे बिना मैं कुछ नहीं मालिक तेरे साथ की जरुरत तो चाहिए.... सत्य कहा आप ने इश्वर का साथ रहे तो अंधियारे रास्तों पर उजाले की आहट मिल ही जाएगी..
सुन्दर कृति के लिए बधाइयाँ..
बहुत सुन्दर रचना .....बधाई !
जवाब देंहटाएंसुमन जी,
जवाब देंहटाएंबधाई हो----अच्छी कविता !
यूँ अकेले समय बिताना,
जवाब देंहटाएंकितना पीड़ाकारी है।
चाहिए तो बहुत कुछ पर मिलता कितना है यह देखने की बात है ...
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति
'आंखों में घिर आए बादलों को बहने का बहाना तो चाहिए...'
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना।
अच्छे और गहरे भाव।
शुभकामनाएं आपको।
आप आमंत्रित हैं मेरे ब्लाग में एक दिलचस्प पोस्ट के लिए
http://atulshrivastavaa.blogspot.com/2011/03/blog-post_26.html
bahut sunder rachna -
जवाब देंहटाएंbilkul sachchi baat kah rahi hai -
badhai .
बहुत सुन्दर गीत .... जिंदगी जीने का कुछ बहाना तो चाहिए ..तन्हा सी ...
जवाब देंहटाएंbahut hee sundar shabdon ka sangam!
जवाब देंहटाएंpasand aaee...bahti hui si ..
जवाब देंहटाएंAchchha laga aapke vicharon se avgat hona.
जवाब देंहटाएं---------------
जीवन की हरियाली के पक्ष में!
।
इस्लाम धर्म में चमत्कार।
Sundar bhav.
जवाब देंहटाएं---------------
जीवन की हरियाली के पक्ष में।
इस्लाम धर्म में चमत्कार।
उम्दा रचना !
जवाब देंहटाएंहर पल मरती इन सांसों को, जीने का सबब तो चाहिए
जवाब देंहटाएंअंधियारे रास्ते पर बढ़ते क़दमों को, उजाले की आहट तो चाहिए
बहुत सुन्दर रचना है, सुमन जी बधाई.
Bhavouk rachna hai ...
जवाब देंहटाएंbahut sundar likha hai.
जवाब देंहटाएंwonderful and heart touching it is !!!
जवाब देंहटाएंthanks to share this here,keep continue...