काश ! होता एक ऐसा भी
कल्पवृक्ष
जिसकी शाख पर
लटकी होती
अनगिनत इच्छाएँ
और
उन इच्छाओं को
तोडने के लिए
सींचना पड़ता उसको
प्यार और संवेदना के जल से
तो हर बेबस माँ
रखती उसे हरा-भरा
ताउम्र
और तोड़ लेती
अपने बच्चे की
हर इच्छा
पूरा कर देती
उसका हर सपना ।
होता यूँ भी
कि जब-जब
गिरता उसका हर आँसू
उसकी जड़ों में
झरते उसकी शाख से
कागज के हरे हरे पत्ते
तो खरीद लाती वो
मासूम आँखों में बसा
एक आशियाना ।।
.................
संवेदना के सागर तले झर रही
हैं आँखें
कल्पवृक्ष से अब भी झर रहे
हैं पत्ते .....!!
*****
सु-मन
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतीकरण,आभार.
जवाब देंहटाएं"स्वस्थ जीवन पर-त्वचा की देखभाल"
अच्बछी कविता ।
जवाब देंहटाएंहुत खूब !
बधाई हो !
वाह बहुत खूबसूरत विचार संजोये हैं।
जवाब देंहटाएंकाश प्रकृति हो जाती इतनी संवेदनशील..
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना....
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता !
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंघूरने के खिलाफ बने कठोर कानून के बाद
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंlatest post भक्तों की अभिलाषा
latest postअनुभूति : सद्वुद्धि और सद्भावना का प्रसार
बहुत सुंदर.;काश ऐसा हो पाता
जवाब देंहटाएंआपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 23/03/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंवाह बेहतरीन भाव संयोजन लिए गहन भाव अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंइच्छा को पूर्ण करने की तलाश कभी खत्म नहीं होती
जवाब देंहटाएंकल्पना बहुत सुन्दर है सु-मन,पर मन की और इच्छाओं की कोई सीमा कहाँ? नियंत्रण तब रहेगा जब पूरी होने के लिए प्रयास और पुरुषार्थ की शर्त हो!
जवाब देंहटाएंसु-मन ही कर सकता है इतनी सुन्दर कल्पना !
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना ..बहुत बहुत आभार !
संवेदना की गहराईयों को उजागर करती रचना
जवाब देंहटाएंसार्थक कहन सुंदर शब्द चित्र
बहुत बहुत बधाई
वाह...क्या बात है!!
जवाब देंहटाएंझरेंगे पत्ते....फिर पल्लवित होंगी शाखें....
जवाब देंहटाएंनव सु-मन खिलेंगे....नियम है प्रकृति का.
अनु
bahut hi khoobsoorat aur shandaar
जवाब देंहटाएंझर रही है भावनाएं कविता की पंक्तियों से ...बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंbahut badhiya ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ! जितनी सार्थक रचना उतनी ही कलात्मक ! शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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बहुत प्यारी कल्पना ....
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी कल्पना ....
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