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गुरुवार, 21 फ़रवरी 2019

मातृभाषा


















भाषाएँ कहलाती जीवन
जीवन में फिर होता सृजन 

सृजन से उपजता है ज्ञान
ज्ञान से परिभाषित हो विज्ञान 

विज्ञान से बदलता परिवेश
परिवेश बनाता प्रगतिशील देश

देश की होती अपनी परिभाषा
परिभाषा में अहम होती भाषा

भाषा जिसमें लगी है बिंदी 
बिंदी की सुर्खी से सजी हिंदी 

हिंदी प्रिय भारत की मातृभाषा 
मातृभाषा वंदन हमारी अभिलाषा !!


अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की शुभकामनाएँ |


सु-मन 

9 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (23-02-2019) को "करना सही इलाज" (चर्चा अंक-3256) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 22/02/2019 की बुलेटिन, " भाखड़ा नांगल डैम" पर निबंध - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  3. आपने हिंदी पर अदभुत रचना लिखी हैं

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  4. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  5. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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