@सर्वाधिकार सुरक्षित

सर्वाधिकार सुरक्षित @इस ब्लॉग पर प्रकाशित हर रचना के अधिकार लेखक के पास सुरक्षित हैं |

सोमवार, 12 अगस्त 2013

माँ (हायकु )










     
       १ 
माँ का हृदय 
करता इंतजार 
सूना आँगन |

      २ 
देख खिलौने 
झरते झर झर 
माँ के नयन |

      ३ 
कोख है खाली 
दर दर भटकी  
माँ की ममता |

      ४ 
बेसहारा माँ 
ताने कई हज़ार 
कोख में बेटी |

      ५ 
जाया पेट का 
जाता अकेला छोड़ 
अंतिम यात्रा |



सु..मन 

35 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी का लिंक कल मंगलवार (13-08-2013) को "टोपी रे टोपी तेरा रंग कैसा ..." (चर्चा मंच-अंकः1236) पर भी होगा!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत बहुत शुक्रिया शास्त्री जी ... आप जैसे अनुभवी लोगों का स्नेह और आशीर्वाद यूँ ही मिलता रहे।

      हटाएं
  2. उत्तर
    1. हाँजी अपर्णा जी ..क्या करें माँ है न... सब कुछ सह कर भी उपेक्षित है ।

      हटाएं
  3. बहुत ही सुन्दर और मार्मिक अभिव्यक्ति, आभार।

    जवाब देंहटाएं
  4. आपने लिखा....
    हमने पढ़ा....
    और लोग भी पढ़ें;
    इसलिए बुधवार 14/08/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in ....पर लिंक की जाएगी.
    आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
    लिंक में आपका स्वागत है .
    धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. मेरी पोस्ट को ज्यादा पाठकों तक पहुँचाने के लिए आभार यशोधा जी ।

      हटाएं
  5. जी संगीता जी , माँ के मर्म को अभिव्यक्त करने की कोशिश भर है ।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति ...

    जवाब देंहटाएं
  7. दिल को छूने वाले सभी हाइकू ... माँ तो अनमोल है ...

    जवाब देंहटाएं
  8. भाव प्राधान्य, सुरुचिपूर्ण शब्द विन्यास।

    जवाब देंहटाएं
  9. एक से एक
    है बढ़िया हाईकू
    ह्रदयस्पर्शी !

    जवाब देंहटाएं

www.hamarivani.com
CG Blog www.blogvarta.com blogavli
CG Blog iBlogger