(माँ की नज़र से पूज्य बाबू जी को समर्पित )
जानती हूँ
तुम अब नहीं हो
न ही रची है
मेरे हाथों में
तेरे नाम की मेहंदी
सुर्ख लाल चूड़ियों की खनक
जुदा है अब मेरे वजूद से
चाँद सा टीका
अब दूर छिटक गया है
झिलमिल सितारों वाली चुनरी
रंगरेज़ ने कर दी है
स्याह काली
नहीं सजाऊँगी मैं अब
करवे की थाल ।
पर ..सुनो !
रात, जब
चाँद निकलेगा ना
तुम उसकी खिड़की से झांकना
मैं मन के दर्पण में
देख लूंगी तुम्हारा अक्स
हाँ ,नहीं कर पाऊँगी
मंगल कामना
तुम्हारी लम्बी उम्र की
कि अब तुम देह बंधन से परे
जा उस लोक में
कर रहे मेरा इंतजार
और इस देह बंधन में बंधी
मैं कर रही तुमको नमन !!
सु..मन
तुम अब नहीं हो
न ही रची है
मेरे हाथों में
तेरे नाम की मेहंदी
सुर्ख लाल चूड़ियों की खनक
जुदा है अब मेरे वजूद से
चाँद सा टीका
अब दूर छिटक गया है
झिलमिल सितारों वाली चुनरी
रंगरेज़ ने कर दी है
स्याह काली
नहीं सजाऊँगी मैं अब
करवे की थाल ।
पर ..सुनो !
रात, जब
चाँद निकलेगा ना
तुम उसकी खिड़की से झांकना
मैं मन के दर्पण में
देख लूंगी तुम्हारा अक्स
हाँ ,नहीं कर पाऊँगी
मंगल कामना
तुम्हारी लम्बी उम्र की
कि अब तुम देह बंधन से परे
जा उस लोक में
कर रहे मेरा इंतजार
और इस देह बंधन में बंधी
मैं कर रही तुमको नमन !!
सु..मन
बहुत ही भावपूर्ण प्रस्तुति है .
जवाब देंहटाएंयहाँ भी पधारे.
http://iwillrocknow.blogspot.in/
बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट मैं
भावपूर्ण रचना |
जवाब देंहटाएंvery touching.. beautifully composed
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है! समझो बहार आई
जवाब देंहटाएंपर ..सुनो !
जवाब देंहटाएंरात, जब
चाँद निकलेगा ना
तुम उसकी खिड़की से झांकना
मैं मन के दर्पण में
देख लूंगी तुम्हारा अक्स
हाँ ,नहीं कर पाऊँगी
मंगल कामना
तुम्हारी लम्बी उम्र की
कि अब तुम देह बंधन से परे
जा उस लोक में
कर रहे मेरा इंतजार
और इस देह बंधन में बंधी
मैं कर रही तुमको नमन !!--------
आंखे नम हो गयी
भावुक,मार्मिक
गहन अनुभूति की रचना
सादर
आग्रह है---
करवा चौथ का चाँद ------
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।
जवाब देंहटाएंपुरुष द्वारा करवे का व्रत रखने की परम्परा क्यों नहीं है?
जवाब देंहटाएंसुन्दरतम प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंVery nice presentation.
जवाब देंहटाएंVinnie
बहुत सुन्दर मर्मस्पर्शी रचना...
जवाब देंहटाएंसुन्दर और कोमल व्यक्त भावनायें।
जवाब देंहटाएंमन को छूती पोस्ट ....
जवाब देंहटाएंभाव पूर्ण ..... समर्पण का भाव भी अद्भुत होता है ।
जवाब देंहटाएंBahot sundar Suman.....lekin kashtdayak.....!!!!
जवाब देंहटाएं:-(
जवाब देंहटाएंप्रेम का एक रूप ऐसा भी...............
अनु