वो लड़का
सारे दिन के
बोझिल पलों को
सुला देता है
थपकियाँ देकर
हर रात
अपने बिस्तर में
आँख मूंदती
बेजान हसरतें
जब निढाल हो
सो जाती हैं
एक कोने में
वो उन्हें लेकर
अपनी हथेली में
सुबकता है रात भर
सुबह उठकर
फिर जीने लगता है
कुछ और बोझिल साँसें
होठों पे मुस्कराहट के साथ
वो लड़का बहुत शातिर है !!
सु-मन
तीसरी पंक्ति में बाझिल को बोझिल कर लें ।
जवाब देंहटाएंलड़के बहुत
शातिर होते हैं
पता ही नहीं
चलता है
उनके हाथ में
चिपके हुए
सूखे पत्ते भी
कुछ नहीं
कहते हैं ।
शुक्रिया सुशील जी | गलती ठीक कर ली आभार
हटाएंजिजीविषा युक्त है वो लड़का
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत शब्द !!
जवाब देंहटाएंआपने लिखा....
जवाब देंहटाएंमैंने पढ़ा....
हम चाहते हैं इसे सभ ही पढ़ें....
इस लिये आप की रचना दिनांक 27/11/2016 को पांच लिंकों का आनंद...
पर लिंक की गयी है...
आप भी इस प्रस्तुति में सादर आमंत्रित है।
आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!
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