इस एक दिन
सुख दुख का हिसाब
और जी भर जीना सकून
साल के बाकी दिनों को
मिट्टी में मिला कर
बीज देना नव वर्ष का अंकुर
भ्रम के दरवाजे पर
लगा कर निश्चय का ताला
प्रतिपादित करना नया स्वरूप
माँग लेना दुआ में
अपने हिस्से की कुछ खुशी
त्याग देना निराशा का भाव
मन! भूल जाना तुम
सब आधा अधूरा
हर लफ्ज़ को पूरा बनाकर
दे देना मुझे जन्मदिन का उपहार ।
सु-मन
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (०१-१२ -२०१९ ) को "जानवर तो मूक होता है" (चर्चा अंक ३५३६) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं4 more shots please
जवाब देंहटाएंfour More Shots Please Season 2
four more shots season 2
four more shots
FilmyMoviess
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