इस एक दिन
सुख दुख का हिसाब
और जी भर जीना सकून
साल के बाकी दिनों को
मिट्टी में मिला कर
बीज देना नव वर्ष का अंकुर
भ्रम के दरवाजे पर
लगा कर निश्चय का ताला
प्रतिपादित करना नया स्वरूप
माँग लेना दुआ में
अपने हिस्से की कुछ खुशी
त्याग देना निराशा का भाव
मन! भूल जाना तुम
सब आधा अधूरा
हर लफ्ज़ को पूरा बनाकर
दे देना मुझे जन्मदिन का उपहार ।
सु-मन
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं4 more shots please
जवाब देंहटाएंfour More Shots Please Season 2
four more shots season 2
four more shots
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