कुछ क़तरे हैं ये जिन्दगी के.....जो जाने अनजाने.....बरबस ही टपकते रहते हैं.....मेरे मन के आँगन में......
बहुत खूब पर ये पढ़ा हुआ लग रहा है ...
शुक्रिया अंजू जी , आप ने fb पर पढ़ा होगा मेरी वाल पे ।
कुछ सांसें ही रह जाती हैं अगर सलीब पे टग जाओ तो ... गहरा ख्याल ...
जी दिगंबर जी , होता तो यही है ...
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सांसें जब टंगी हों सलीब पर...फिर जिंदगी.....???बहुत खूब...
शुक्रिया पूनम जी
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती।
धन्यवाद राजेन्द्र जी
Tukdon mein zindagi....bahut khoob
हाँजी प्रकाश जी ... हम अक्सर टुकड़ों में ही जीते हैं , पूरी जिन्दगी मिलती कहाँ है जीने के लिए |
आभार रविकर जी
ब्लॉग जगत में आपकी पहल के लिए शुभकामनाएं |
शुक्रिया आपका |
कई-कई हिस्सों में जी जाती है जिन्दगी ......हाँ ऐसा ही होता है ....................
सुन्दर अभिव्यक्ति.
कितने तकलीफदेह होते हैं वे आखरी पल .....जब मौत भी मूंह चिढ़ाती है ...
गहरी बात..
Very nice!vinnie
बहुत गहन और सुन्दर अभिव्यक्ति...
yu to waqt ki bisaat pr aksr hi kahania kisse mil jaya krte h,pr aap jaiso k chnd nishan hi dur dil tak jaya krte h.....:)
☆★☆★☆ ज़िंदगी का एक हिस्साले रहा है आख़िरी सांसें... मार्मिक कविता है आदरणीया सुमन जी प्रभावशाली प्रस्तुति !सुंदर रचना के लिए साधुवादआपकी लेखनी से सदैव सुंदर श्रेष्ठ सार्थक सृजन हो , यही कामना है...मंगलकामनाओं सहित...-राजेन्द्र स्वर्णकार
प्रशंसनीय रचना - बधाईशब्दों की मुस्कुराहट पर ...संग्रहनीय लेखन बड़ी शख्सियत -- प्रवीण पाण्डेय जी
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंपर ये पढ़ा हुआ लग रहा है ...
शुक्रिया अंजू जी , आप ने fb पर पढ़ा होगा मेरी वाल पे ।
हटाएंकुछ सांसें ही रह जाती हैं अगर सलीब पे टग जाओ तो ...
जवाब देंहटाएंगहरा ख्याल ...
जी दिगंबर जी , होता तो यही है ...
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जवाब देंहटाएंसांसें जब टंगी हों सलीब पर...
जवाब देंहटाएंफिर जिंदगी.....???
बहुत खूब...
शुक्रिया पूनम जी
हटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुती।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद राजेन्द्र जी
हटाएंTukdon mein zindagi....bahut khoob
जवाब देंहटाएंहाँजी प्रकाश जी ... हम अक्सर टुकड़ों में ही जीते हैं , पूरी जिन्दगी मिलती कहाँ है जीने के लिए |
हटाएंआभार रविकर जी
जवाब देंहटाएंब्लॉग जगत में आपकी पहल के लिए शुभकामनाएं |
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आपका |
जवाब देंहटाएंकई-कई हिस्सों में जी जाती है जिन्दगी ......हाँ ऐसा ही होता है ....................
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंकितने तकलीफदेह होते हैं वे आखरी पल .....जब मौत भी मूंह चिढ़ाती है ...
जवाब देंहटाएंगहरी बात..
जवाब देंहटाएंVery nice!
जवाब देंहटाएंvinnie
बहुत गहन और सुन्दर अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंyu to waqt ki bisaat pr aksr hi kahania kisse mil jaya krte h,
जवाब देंहटाएंpr aap jaiso k chnd nishan hi dur dil tak jaya krte h.....:)
☆★☆★☆
ज़िंदगी का एक हिस्सा
ले रहा है आख़िरी सांसें...
मार्मिक कविता है आदरणीया सुमन जी
प्रभावशाली प्रस्तुति !
सुंदर रचना के लिए साधुवाद
आपकी लेखनी से सदैव सुंदर श्रेष्ठ सार्थक सृजन हो , यही कामना है...
मंगलकामनाओं सहित...
-राजेन्द्र स्वर्णकार
प्रशंसनीय रचना - बधाई
जवाब देंहटाएंशब्दों की मुस्कुराहट पर
...संग्रहनीय लेखन बड़ी शख्सियत -- प्रवीण पाण्डेय जी