रात घिर आई है
अधगीली सड़क पर
आवाजाही कम है ज़रा
सोडियम लैम्प की पीली रौशनी में
भिन-भिनाने लगे हैं कीट पतंगे
सड़क के गीले किनारों पर
तैर रहे सूखे पत्तों में
आने लगी है कुछ नमी |
रात बरसेगा वो
इन हवाओं ने कहा है अभी
मैं बालकनी में बैठ
उसके इन्तजार में हूँ
बरसेगा जरूर बाहर न सही .. भीतर |
***
बरसना लाज़मी है , हम दोनों के लिए शायद !!
सु..मन