कुछ क़तरे हैं ये जिन्दगी के.....जो जाने अनजाने.....बरबस ही टपकते रहते हैं.....मेरे मन के आँगन में......
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मंगलवार, 14 फ़रवरी 2017
गुरुवार, 9 फ़रवरी 2017
वो लड़की ~ 3
बहुत उदास सी है
शाम आज
आसमान भी
खाली खाली
घर की ओर बढ़ते
उसके कदमों में
है कुछ भारीपन
यूँ तो अकसर
दबे पाँव ही आती है
ये उदासी
पर आज
न जाने क्यूँ
इसकी आहट में
है चुभन सी
जो उसकी रूह को
कचोटती हुई
भर रही है
उसकी नसों में
एक धीमा ज़हर
और वो
अजाने ही उसको
समेट रही
आँखों के प्याले में
पी रही
घूँट घूँट नमी
वो लड़की बहुत उदास है !!
सु-मन
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