आया था जो कल रोजी की तलाश में
वो आज दिल्ली शहर से कूच कर गया
जाता था खाना लेकर रोज़ अपने काम पे
वो शख्स आज रोटी का मोहताज़ हो गया
पलता था जो परिवार एक ही कमाई से
पैदल चल अपने गाँव खाली हाथ हो गया
नहीं चिंता उसको किसी संक्रमण की
फुटपाथ लाखों लोगों का घर बन गया
स्तब्ध हूँ देख कर - 2
वक़्त के ये बदलते तेवर
दिल्ली शहर का कैसा मंज़र बदल गया
दिल्ली शहर का कैसा मंजर बदल गया ।।
सु-मन
पढ़ें ~ Day 4