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शनिवार, 15 मार्च 2014

प्रेम रंग





















सुनो !
होली आने वाली है 
और 
तुमने पूछा है मुझसे 
मेरा प्रिय रंग 
चाहते हो रंगना मुझे 
उस रंग से ...

जानते हो ! 
कौन सा रंग प्रिय है मुझे 
वो रंग जो कभी ना छूटे 
रहे संग मेरे हमेशा 
जो ज़िस्म ही नहीं 
रंग दे मेरी रूह को भी ...

तो सुनो ! 
यूँ करो न लाओ कोई रंग 
बस अपनी आँखों में 
देखने दो मुझे मेरी छवि 
सुनने दो तुम्हारी धड़कन का साज़ 
मन की बाँसुरी पर बजाओ 
मेरे लिए एक नव गीत 
कि राधा बन रंग जाऊँ 
तुम्हारे रंग में 
लाल, पीला, हरा, गुलाबी 
समाहित हैं जिसमें सब रंग 
प्रेम रंग.. प्रेम रंग... प्रेम रंग !!

** जय राधे कृष्णा **

सु..मन 

सभी को होली की शुभकामनायें 

शुक्रवार, 7 मार्च 2014

वक्त की तासीर














दिन गरम है अब 
और रातें ठण्डी 

सुना है -
सूरज को लग गया है 
मुहब्बत का रोग 
सुलगने लगा है दिन भर 

शाम की माँग में 
टपकने लगा है 
उमस का सिन्धूर 
आसमां रहने लगा है ख़ामोश 

रात कहरा कर 
ढक लेती है 
ओस का आँचल 
चाँद भटकता है तन्हा रातभर 
****************

बदल रहा है मौसम शायद 
वक्त के बयार की तासीर बदल रही है !!


सु-मन 





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