ये कैसा है ज़ेहाद
कैसा सकूँ-ए-रूह है
खाक करना अमन-ओ-वतन
किस मजहब का असूल है
ये कैसी है सरहद
कैसी मजहबी तलवार है
उजाड़ देना माँ की
कोख़
किस इबादत का यलगार
है
ये कैसा है जुनून
कैसा क़त्ल-ए-आम है
छीन लेना लख्त-ए-ज़िगर
किस अल्लाह का पैगाम
है
ये कैसा है करम..तेरा
मौला
कैसा रहमत का तूफान
है
आँगन बना उजड़ा चमन
हर घर तब्दील कब्रिस्तान
है
हर घर तब्दील
कब्रिस्तान है....!!
सु-मन