जीवन में फिर होता सृजन
सृजन से उपजता है ज्ञान
ज्ञान से परिभाषित हो विज्ञान
विज्ञान से बदलता परिवेश
परिवेश बनाता प्रगतिशील देश
देश की होती अपनी परिभाषा
परिभाषा में अहम होती भाषा
भाषा जिसमें लगी है बिंदी
बिंदी की सुर्खी से सजी हिंदी
हिंदी प्रिय भारत की मातृभाषा
मातृभाषा वंदन हमारी अभिलाषा !!
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की शुभकामनाएँ |
सु-मन